वापस न आना था तुम्हें, अलविदा तो कह जाती, भूल जाना ही था तुमको तो, ये यादें तो ले जाती, टूटना तो तय था हमारा, थोड़ा सहारा तो दे जाती, अलविदा तो कह जाती।
कोई तेरे चेहरे पर मरता है, किसी को मुस्कान पसंद है, किसी को तेरी आँखों से प्यार है, कोई तेरी अदाओं पर जानिसार है। और एक हम हैं, जिसे तेरी रूह से भी मोहब्बत है, जो तेरी बातों का शिकार है, जिसे तेरी खूबसूरती ही नही, तेरी सजाओं से भी इकरार है।
कभी लगता था , सब सपने सच होंगे, न जाने क्यूँ , हम ही बिखर गए, कभी आस थी , मुश्किलें फतह करने की, न जाने क्यूँ , वो आस ही चली गयी, कभी छोटी छोटी बातों से खुशियाँ मिलती थी, न जाने क्यूँ , वो बातें ही सिमट गयी, कभी हर सफर का किनारा पता होता था, न जाने क्यूँ , अब सफर का इरादा भी न रहा! "विमल पटेल"
वक्त का मरहम , जो घाव न भर सका, उसे अंजाम की सरहदें थोड़ा छुपा लेती हैं । सागर का पानी , जो प्यास न बुझा सका, उस वीरान धरा को, बारिश जगा देती है। लंबा सा सफर, जो आस न जगा सका, उस बिछड़ती हिम्मत को, मंजिल हँसा देती है।
सपनों के सच होने का, वक्त जरूर आयेगा, हर बिखरे टुकड़े का, जोड़ नज़र आयेगा, मुश्किलें तो हर कदम में आयेंगी, लेकिन हर मुश्किल के फतह की आस नज़र आयेगी, सिमटती हुई बातों मे ,ठहराव भी आयेगा, वक्त तो आने दे ,गहराव भी नज़र आयेगा , सफर का इरादा कायम तो रख, एक दिन किनारा भी आयेगा , हर बार गिर कर उठने का, परिणाम नज़र आयेगा! "विमल पटेल"
तुझसे किये वादे, कभी खतम न होंगे, तुझसे जुड़े रिश्ते , कभी दफन न होंगे, बेपरवाह सा इश्क़ मेरा, साथ देता रहेगा तेरा, चाहे तोड़ने पड़े , इस जमाने से नाते सारे!